Concepción केवल महान व्यक्तित्वों (जैसे कि भाई José María और Salvador Cordova) का गढ़ नहीं है, बल्कि यह रचनात्मकता और कला का भी गढ़ है। हम बात कर रहे हैं कोलंबिया के ग्राफिक डिज़ाइन और कार्टून के असली अग्रदूत José Félix Mejía Arango की, जिन्हें कला के क्षेत्र में Pepe Mexía के नाम से भी जाना जाता है। Mondrian, Miró और Picasso के बीच की एक अनूठी मिश्रणात्मक शैली, जो निस्संदेह और अधिक ध्यान और सम्मान की हकदार थी।
आशा है कि यह प्रयास Pepe Mexía के नाम को पुनर्जीवित करने और उन्हें सम्मान देने की दिशा में पहला कदम साबित होगा।
वे 22 फरवरी 1895 को Concepción, Antioquia में Félix Mejía और Sara Arango के परिवार में जन्मे। उनके पिता Yarumal से थे और कवि Epifanio Mejía के संबंध में थे, जबकि उनकी माता के भाई Claudino Arango ने Isabel Carrasquilla से शादी की थी, जो लेखक Tomás Carrasquilla की बहन थीं, और इसके कारण उनके साथ गहरी मित्रता विकसित हुई जिसने उनके व्यक्तित्व और कलात्मक जीवन पर गहरा प्रभाव डाला।
उनका बचपन Medellín के उत्तरी हिस्सों में बीता, जहाँ उनके पिता के व्यवसाय चलते थे। पिता के निधन के बाद वे अपने चाचा Claudino की देखरेख में आए और Medellín में San José स्कूल से हाई स्कूल और Escuela de Minas से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
हालांकि उन्होंने इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट नहीं की, क्योंकि उनकी रुचि साहित्य, कला और वास्तुकला में थी। सीमित आर्थिक संसाधनों के कारण उन्होंने इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं की। इस समय उनके कला के प्रति झुकाव और आधुनिक शैली की अभिव्यक्ति सामने आने लगी। 15 फरवरी 1915 को उन्होंने युवा लेखकों और कलाकारों के साथ मिलकर Panida पत्रिका की स्थापना की, जिसके इर्द-गिर्द "Los Panidas" समूह बना।
Panida के पहले चार अंक León de Greiff ने संपादित किए, और अंतिम छह अंक Pepe Mexía ने। पत्रिका का अस्तित्व छोटा था और यह जून 1915 में समाप्त हो गई। इस दौरान उनकी चित्रकारी कई अन्य प्रकाशनों में भी दिखाई देने लगी, जैसे Revista Colombia, El Espectador, El Bateo, El Correo Liberal आदि। इनके "Juncos" चित्रों ने उनके अद्वितीय और आधुनिक दृष्टिकोण को दर्शाया।
1920 में उन्होंने अपनी पहली आर्किटेक्चर कंपनी "Félix Mejía y Cía." स्थापित की। 1922 में उन्होंने María Arango से विवाह किया। उनकी राजनीतिक गतिविधि भी जारी रही और 1931 में वे Cámara de Representantes के लिए चुने गए।
वे Bogotá में दो साल रहे, जहां उन्होंने प्राचीन संस्कृति का अध्ययन किया और इसे अपनी कला में लागू किया। 1935 में उन्होंने "Estudios Nuti" की स्थापना की। इस समय उन्होंने आधुनिक और शास्त्रीय वास्तुकला में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
1940 और 1950 के दशक में उन्होंने तीन प्रमुख यात्राएँ कीं: Ecuador, Peru, और Europe, जिनसे उन्होंने प्राचीन और आधुनिक कला का ज्ञान प्राप्त किया। 1950–1955 में वे दो बार Mexico गए, जिससे उन्हें प्राचीन संस्कृतियों की समझ और गहरी हुई।
1958 में वे Senador बने और 1960 तक इस पद पर रहे। 1970 में उन्हें स्मृति हानि के लक्षण दिखने लगे और 21 जुलाई 1978 को उनका शांतिपूर्ण निधन हो गया।